खाटू श्याम मंदिर में दर्शन की पूरी प्रक्रिया - Khatu Shyam Mandir Darshan Process

खाटू श्याम मंदिर में दर्शन की पूरी प्रक्रिया - Khatu Shyam Mandir Darshan Process, इसमें खाटू श्याम मंदिर की दर्शन व्यवस्था के बारे में जानकारी दी है।

Khatu Shyam Mandir Darshan Process

85 दिनों तक बंद रहने के बाद बाबा श्याम का मंदिर दुबारा खुल गया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर में दर्शनों के लिए नियमों में कुछ बदलाव किए हैं।

खाटू मंदिर में दर्शन करने से पहले रखें इन बातों का ध्यान, Keep these things in mind before visiting Khatu temple


अगर आप बाबा के दर्शनों के लिए जा रहे हैं तो बेवजह होने वाली परेशानियों से बचने के लिए आपको इन सभी बदलावों को ध्यान में रखना होगा। मंदिर में दर्शन, जिला प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार होंगे।

बाबा श्याम का लक्खी मेला 22 फरवरी से शुरू होने जा रहा है जिसकी तैयारियाँ जोर शोर से जारी है। मंदिर कमेटी के साथ-साथ प्रशासन का यही प्रयास है कि मेला शुरू होने से पहले सभी तैयारियाँ पूरी कर ली जाए।

खाटू श्याम मंदिर दर्शनों के लिए चौबीसों घंटे खुलेगा, Khatu Shyam temple will open round the clock for darshan


सबसे पहली बात तो यह है कि मंदिर में दर्शनों के समय में बदलाव किया गया है। श्याम मंदिर अब दर्शनों के लिए चौबीसों घंटे खुला है और बाबा के दर्शन भी बड़ी आसानी से हो रहे हैं।

अब आपके सामने समय की कोई पाबंदी नहीं है। आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी समय बाबा के दर्शन करने खाटू जा सकते हैं।

खाटू मंदिर में प्रवेश और निकास की नई व्यवस्था, New system of entry and exit in Khatu temple


मंदिर में दर्शनों के लिए नई व्यवस्था की गई है। इस नई दर्शन व्यवस्था के अनुसार, अब दर्शनों के लिए आने वाले भक्तों के लिए 75 फीट मेला ग्राउन्ड में जिग-जैग को हटाकर 14 सीधी लाइनें बनाई गई है।

इनमें से 4 लाइन पुराने रास्ते से यानी मंदिर के पुराने मुख्य द्वार से, और बाकी 10 लाइन श्याम मंदिर कमेटी के पुराने ऑफिस की जगह बने नए रास्ते से सीधा मंदिर में प्रवेश करेगी।

ध्यान रखें कि मंदिर के मुख्य द्वार से जाने वाली 4 लाइनों में जाने वाले श्रद्धालुओं को सीढ़ियाँ चढ़ते ही सामने दर्शन हो जाते हैं। दर्शन करते ही बगल वाले रास्ते से वापस घूमकर मंदिर से बाहर निकलना होता है।

इन चार लाइनों से निकलने वाले श्रद्धालु मंदिर के मुख्य द्वार के सामने से बाहर निकलते हैं जबकि अंदर हॉल से जाने वाले श्रद्धालु कबूतर चौक से आगे बाहर निकलते हैं।

अगर आपको बाबा के दीदार ढंग से करने हैं तो हमारी सलाह है कि आप मुख्य द्वार से आने वाली इन चार लाइनों में आकर ही दर्शन करें। ऊँचाई पर होने की वजह से इन लाइनों से बाबा के दर्शन अच्छी तरह से होते हैं और इनमें भीड़ भी कम होती है।

पहले 75 फीट मेला ग्राउन्ड को जिग जैग के रूप में पार करने में काफी समय लग जाया करता था। अब जिग जैग की जगह सीधी लाइन हो जाने के कारण दूरी काफी कम हो गई है जिस वजह से दर्शनों में लगने वाला समय भी काफी कम हो गया है।

एक विशेष बात यह है कि आपको इन लाइनों में प्रवेश से पहले ही अपने जूते और चप्पलों को कहीं पर रखना होगा। लाइन में आगे जाने के बाद इन्हें रखने के लिए स्थान मिलना मुश्किल हो जाएगा।

खाटू मंदिर में हुए ये प्रमुख बदलाव, These major changes took place in the Khatu temple


मंदिर के अंदर भी बड़ा बदलाव किया गया है। गर्भगृह के दरवाजे पर 3 फीट का ग्लास लगा दिया गया है। इसके सामने के कन्स्ट्रक्शन को हटाकर बड़ा हॉल बना दिया गया है।

श्रद्धालु 10 लाइनों के जरिये इस हॉल में आकर बाबा के दर्शन करते हैं। ध्यान रहे कि अब मंदिर में रुकना मना है और आपको चलते चलते यानी बिना रुके ही दर्शन करना है।

एक विशेष बात यह है कि इन 10 लाइनों में गर्भगृह के सबसे नजदीक वाली लाइन यानी पहली लाइन में सिर्फ वीआईपी और दिव्यांग श्रद्धालुओं को ही दर्शन करने दिया जाएगा।

खाटू श्याम मंदिर मेंं वीआइपी दर्शन व्यवस्था हो गई बंद, VIP darshan system stopped in Khatu Shyam temple


मंदिर में वीआइपी दर्शन व्यवस्था को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपको दर्शनों के लिए किसी की हेल्प लेने की जरूरत नहीं है। आप सीधा मंदिर में जाकर दर्शन कर सकते हैं।

खाटू श्याम मंदिर में प्रसाद, माला, फूल, इत्र आदि पर पाबंदी, Ban on offerings, garlands, flowers, perfume etc in Khatu Shyam temple


आप मंदिर में किसी भी तरह का प्रसाद, फूलों की माला, फूल, इत्र आदि कुछ भी नहीं चढ़ा पाएंगे। अब आप इन चीजों को खरीदकर मंदिर मेंं ना ले जाए तो अच्छा है क्योंकि ये सब चीजें दर्शनों के लिए लाइन में एंट्री से पहले ही अलग रखवा दी जाती हैं।

खाटू श्याम मंदिर में नहीं ले जा सकेंगे निशान, Nishan will not be allowed in Khatu Shyam temple


खाटू में हजारों श्रद्धालु बाबा को निशान अर्पित करते हैं। बहुत से लोग निशान हाथ में लेकर पैदल यात्रा करते हुए बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने आते हैं।

निशान लेकर आने वाले श्रद्धालुओं को यह ध्यान रखना है कि अब मंदिर परिसर में निशान ले जाने पर पाबंदी लग गई है।

लखदातार मैदान के प्रवेश द्वार के सामने श्रद्धालुओं के निशान रखने के लिए जगह बनाई गई है। सभी श्याम प्रेमियों को अपने निशान यहाँ पर रखना होंगे।

खाटू श्यामजी में पूछताछ केंद्र की हुई शुरुआत, Inquiry center started in Khatu Shyamji


इसके साथ ही मंदिर चौक के बाहर कॉर्नर पर एक पूछताछ केंद्र बनाया गया है। यहाँ पर श्रद्धालु, मंदिर और दर्शनों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी ले सकते हैं।

खाटू कस्बे में लगी हुई है धारा 144, Section 144 is imposed in Khatu town


अंत में एक विशेष बात यह है कि खाटू कस्बे में पाँच मार्च तक धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। निषेधाज्ञा का पालन नहीं करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

तो ये खाटू में बाबा श्याम के दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए जरूरी इन्फार्मेशन है जिसे सभी श्रद्धालुओं को ध्यान में रखना चाहिए ताकि आपको दर्शन करने में कोई परेशानी ना हो।

पार्किंग में वाहन पार्क करें नहीं तो जुर्माना वसूला जाएगा, Park vehicle in parking otherwise fine will be charged


खाटू कस्बे में पार्किंग की नई व्यवस्था लागू होने की वजह से अब पूरा खाटूश्यामजी कस्बा नो-पार्किंग जोन हो गया है। कस्बे में सरकारी पार्किंग स्थलों के अलावा बहुत से निजी पार्किंग स्थल भी मौजूद हैं जहां आप अपना वाहन पार्क कर सकते हैं।

आपको अपना वाहन गवर्नमेंट या प्राइवेट पार्किंग स्थल में ही खड़ा करना चाहिए वरना नगरपालिका प्रशासन आपके वाहन को उठा कर ले जाएगा और भारी जुर्माने के बाद ही छोड़ेगा।

लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

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डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
Ramesh Sharma

My name is Ramesh Sharma. I love to see old historical monuments closely, learn about their history and stay close to nature. Whenever I get a chance, I leave home to meet them. The monuments that I like to see include ancient forts, palaces, stepwells, temples, chhatris, mountains, lakes, rivers etc. I also share with you the monuments that I see through blogs and videos so that you can also benefit a little from my experience.

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